तुम्हें कैसे लगा मैं फ़ोन नम्बर भूल जाऊँगामुझे तो रोल नम्बर भी तुम्हारा याद है अब तक।
सूरज निकलने का वक्त हो गया है,फूल खिलने का वक्त हो गया है,लेकिन नींद से जागो मेरे दोस्त,क्योंकि सपनों को हकीकत में बदलने का वक्त हो गया है!Good Morning
अगर उतर जाते खरे तेरी हर उम्मीद पे,तो इल्ज़ाम बदल जाने का मेरे नाम होता
"शिकायत करूं, तो नाराज़ हो जाती है,उम्मदगी में अपनी, मैं हार जाता हूँ,मोह्हबत है, और फ़िक्र भी ना आए,ऐसी जिल्लत वाली इश्क़ में मर जाता हूँ l"
जो गुज़ारी न जा सकी हमसेहमने वो ज़िंदगी गुज़ारी है।
“हर वक्त मुस्कुराना फितरत हैं हमारी,
आप यूँ ही खुश रहे हसरत हैं हमारी,
आपको हम याद आये या ना आये,
आपको याद करना आदत हैं हमारी.”