ख़ुदकुशी जुर्म भी है सब्र की तौहीन भी है,इस लिए इश्क में मर-मर के जिया करते हैं।
दिल को छू जाती है यूँ रात की आवाज़ कभी
चौंक उठते हैं कहीं तूने पुकारा ही न हो
रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज,इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने।
"जितना जानता है वो,उससे जादा प्यार करती है lजितना दिखाता है वो,उससे जादा प्यार करता है l"
मुझे ना सताओ इतना कि मैं रुठ जाऊं तुमसे,
मुझे अच्छा नहीं लगता अपनी साँसों से जुदा होना।
आपकी पलकों पर रह जाये कोई!
आपकी सांसो पर नाम लिख जाये कोई!
चलो वादा रहा भूल जाना हमें!
अगर हमसे अच्छा दोस्त मिल जाये कोई