रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज,इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने।
मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं,
जगती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं,
जरुरी नहीं के ग़म में आँसू ही निकले,
मुस्कुराती आँखों में भी शैलाब होते हैं।
मुझसे मेरी वफ़ा का सबूत मांग रहा है !
खुद बेवफ़ा हो के मुझसे वफ़ा मांग रहा है !!
आँखे तो प्यार में दिल की जुबान होती है,
चाहत तो सदा बेजुबान होती है,
प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घबराना,
सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है.
मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…!