हँसना हसाना काम हे मेरा इसलिए
तो 'kajal' नाम हे मेरा..
सारा जहाँ है जिसकी शरण में…
नमन है उस शिव के चरण में…
बने उस शिव के चरणों की धूल…
आओ मिलकर चढ़ायें हम श्रद्धा के फूल…
एक उसे पाने की,एक उसे भुलाने की,कोशिश बेकार करता हूँ l
हर पुरानी बात कोछोड़ने की कोशिश,नये दिन के शुरुआत में करता हूँ,हर शाम लौट के वापस,कल के शाम के पास आ जाता हूँ l
दिल-ए-आबाद का बर्बाद भी होना ज़रूरी है
जिसे पाना ज़रूरी है उसे खोना ज़रूरी है
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर..
हाल हमारा वही है, जो तुमने बना रखा है..