Na Jane Kaise Parde Hai
Inke Kano Ke...
Jo Masoomo Ki Chikhe
Sun Pate Nahi...
Justice For Asifa
Ye mout bi badi ajeeb chiz hei yaro…
Sala Ek Din Marne ke liye Puri Zindgi Jini padTi hey…
चाहता कौन है बेवफ़ायी करना
उसने परिवार सम्भाला होगा
यही सोच कर समझाता हूँ ख़ुदको
मजबूर होकर मुझे दिल से निकाला होगा
चल कोई बात नही,
तू जो मेरे साथ नहीं,
मैं रो पडू तेरे जाने के बाद,
इतनी भी तेरी औकात नहीं!!
मुहब्बत खूबसूरत होती होगी किसी और ज़माने में
हमपे जो गुजरी है वो हम ही जानते हैं