वह खुली किताब थीऔर मैं अनपढ़..
राम भी उसका रावण उसकाजीवन उसका मरण भी उसका..तांडव है और ध्यान भी वो है,अज्ञानी का ज्ञान भी वो है..
हँस के पी जाओ भांग का प्याला..क्या डर है जब साथ है अपने त्रिशुल वाला..बम बम भोले
एक आस, एक एहसास, मेरी सोच और बस तुम,एक सवाल, एक मजाल, तुम्हारा ख़याल और बस तुम,एक बात, एक शाम, तुम्हारा साथ और बस तुम,एक दुआ, एक फ़रियाद, तुम्हारी याद और बस तुम,मेरा जूनून, मेरा सुकून बस तुम और बस तुम
एक रोस उनके लिएजो मिलते नही रोज़-रोज़,मगर याद आते है हर रोज़ |
ॐ नमः शिवायआप सभी को सावन की शुभकामनाए..