एक आस, एक एहसास, मेरी सोच और बस तुम,एक सवाल, एक मजाल, तुम्हारा ख़याल और बस तुम,एक बात, एक शाम, तुम्हारा साथ और बस तुम,एक दुआ, एक फ़रियाद, तुम्हारी याद और बस तुम,मेरा जूनून, मेरा सुकून बस तुम और बस तुम
जिस प्रभात से, परमात्मा का स्मरण हो जाये,
वह प्रभात, सुप्रभात हो जाता है।
मेरे दर्द को भी आह का हक़ हैं,
जैसे तेरे हुस्न को निगाह का हक़ है
मुझे भी एक दिल दिया है भगवान ने
मुझ नादान को भी एक गुनाह का हक़ हैं
दिलो के मिलने का मौसम है
दूरियां मिटाने का मौसम है
होली का त्यौहार ही ऐसा है
रंगो में डूब जाने का मौसम है
एडमिन का आधी रात को फ़ोन बजा|फ़ोन एक लड़की का था|एडमिन: hello कौन?लड़की: में तेनु समझावा की, न तेरे बिना लगदा जीएडमिन(खुश होकर): तो मुझसे शादी करोगी?लड़की: इस गाने को अपनी कॉलर ट्यून बनाने के लिए 8 दबाए|