उसकी हर एक शिकायत देती है मुहब्बत की गवाही,
अजनबी से वर्ना कौन हर बात पर तकरार करता है.
रब से आपकी खुशी मांगते हैं,
दुआओं में आपकी हंसी मांगते हैं,
सोचते हैं क्या मांगें आपसे,
चलो उम्र भर की मोहब्बत मांगते हैं।
दिल का हाल बताना नही आता,
हमे ऐसे किसी को तड़पाना नही आता,
सुनना तो चाहतें हैं हम उनकी आवाज़ को,
पर हमे कोई बात करने का बहाना नही आता।
हम तो मज़ाक मे भी किसी को दर्द देने से डरते है ना जाने लोग कैसे सोच समझ कर दिलों से खेल जाते है|
किसी ने मुझसे कहा- तुम्हारी आंखें बहुत प्यारी हैमैंने हस कर कहा- बारिश होने के बाद अक्सर मोसम हसीन हो जाता है|
बिखरा वज़ूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ …. कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये अधूरी मोहब्बत।