युग युगांत से जीवन का,
ये ही विधान है..
जिंदगी ही समस्या है,
और
जिंदगी ही निदान है..!!
समंदर से भी गहरी है,
मेरे यार की आँखें….!!
बुलंदी तक पहुंचना चाहता हूँ मै भी. पर गलत राहो से होकर जाऊ.. इतनी जल्दी भी नही..!!
जो अपने कदमो की काबिलियत पर विश्वास रखते है, वो ही अक्सर मंजिल पर पहुचते है|