कौन कहता है सिर्फ नफरतो में ही दर्द है कभी कभी बेपनाह मोहब्बत भी बहुत दर्द देती है..
सोचा था छुपा लेंगे गम को पर कमबख्त आँखों ने ही बग़ावत कर दी|
हजारो गम है सीने मे मगर शिकवा करें किससे… इधर दिल है तो अपना है… उधर तुम हो तो अपने हो…