तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है बहोत, मोहब्बत वोहब्बत बड़ा जानते होतो फिर ये बताओ कि तुम उसकी आंखों के बारे में क्या जानते हो?
ये ज्योग्राफियाँ, फ़लसफ़ा, साइकोलोजी, साइंस, रियाज़ी वगैरहये सब जानना भी अहम है मगर उसके घर का पता जानते हो?
गहरी हो जाती है हर दफ़ा मुहब्बत मेरी..
जाया नहीं जाता तेरा बार बार रूठना ..
मिलावट है तेरे इश्क में,
इत्र और शराब की,
कभी हम महक जाते है,
कभी हम बहक जाते हैं.
ना सवाल बनके मिला करो,ना जवाब बनके मिला करो,मेरी जिंदगी मेरा ख्वाब है,मुझे ख्वाब बनके मिला करो...
जो लम्हा साथ है, उसे जी भर के जी लेना..कमबख्त ये जिंदगी भरोसे के काबिल नहीं है|
आरजू होनी चाहिए किसी को याद करने की लम्हे तो अपने आप मिल जाते है|