Mahakaal ke Nashe mein Chur rahata hun
Jai Mahakaal
Attitude Shayari
चाय की शौकीन हूं जनाब
उबाल तो वाजिब है मिज़ाज मैं...
लोगो को माफ करना मुझे भी आता है
बस दुबारा दिल मे जगह देना नही आता
😊😊😊
आदमी की दिलेरी खून में होती है,
इसके कैप्सूल नहीं मिलते
बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ