अक्सर औकात की बात वही किया करते है,
जो कायर हमेशा झुंड में चला करते हैं
आदमी की दिलेरी खून में होती है,
इसके कैप्सूल नहीं मिलते
आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है
भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है
भाभी किसकी बनेगी, ये तो वक़्त आने पे बताएँगे. लाइन तुम मार लो बेटा..पटा कर हम ले जाएँगे..!!
अगर तुम अपने पापा की “परी”हो, तो हम भी अपने बाप के “नवाब” है !