अपने मेयार से नीचे तो मैं आने से रहा
शेर भूखा हो मगर घास तो खाने से रहा
कर सको तो मेरी चाहत का यकीन कर लेना
अब तुम्हें चीर के मैं दिल तो दिखाने से रहा
भरोसा क्या करना गैरों पर,जब गिरना और चलना है अपने ही पैरों पर।
Deewana hun tera, mujhe inkaar nahi,
Kaise keh dun ki mujhe tumse pyar nahi,
Kuch shararat to teri nazro mein bhi thi,
Main akela hi to iska gunehgar nahi…!!
Bin tere mujko Zindagi se khauff lagta hai
Kisto Kisto mein marr raha hu aisa roz lagta hai…
ग़म न कर ज़िन्दगी बहुत बड़ी है,
चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है,
बस एक बार मुस्कुरा कर देख,
तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खुद खड़ी है…