अपने मेयार से नीचे तो मैं आने से रहा
शेर भूखा हो मगर घास तो खाने से रहा
कर सको तो मेरी चाहत का यकीन कर लेना
अब तुम्हें चीर के मैं दिल तो दिखाने से रहा
तुझे चाहता रहा मै इस कदर,
के दुनिया व् भुला बैठा,
तेरी एक हसी के बदले,
अपनी ज़िन्दगी भुला बैठा
प्यार का तोफा हर किसी को नहीँ मिलता
ये वो फूल है जो हर बाग मे नही खिलता
इस फ़ूल को कभी टूटने मत देना
क्योकि टूटा हुआँ फूल वापीस नहीँ खिलता /..
इश्क़ वही है जो हो एकतरफा हो
इज़हार-ऐ-इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है
है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है
तनहाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी,
वही से शुरू होती है जिंदगी हमारी,
नहीं सोचा था हम चाहेंगे तुम्हें इस कदर,
पर अब तो बन गए हो तुम किसमत हमारी...