वासना खींचती है,प्रेम प्रतीक्षा करता है...
ज़िन्दगी चाहे लिख रही हो काजल के गीत...!. . ख्वाब पलकों पे हमारी सुनहरे ही रहते हैं...!!
ये दूरियाँ कब मोह्हबत,
कम कर पाती है,
यादें तो बेहिसाब,
तन्हाई में आती है l
"बैठे-बैठे एक मुस्कुराहट,ओंठो पे आ गई,कोई बात तुम्हारी प्यारी, जहन में आ गई,लोगो ने पूछा क्या है, क्यों हँस रहे हो,उन्हें क्या बताता, तुम कैसे पागल बना गई l"
हमारी गलतियों से कही टूट न जाना,
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं,
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना.
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए