क्या होगा अगर चलती ट्रेन के ऊपर गिर जाये आकाशीय बिजली? इतने वोल्ट की होती हैं पावर

What will happen when thunder lightning fall down on a running train?

मानसून के मौसम में आकाशीय बिजली का गिरना बहुत आम बात हैं. खास करके पहाड़ी इलाकों में आये दिन ये घटनाएं देखने को मिलती हैं. मगर इन आकाशीय बिजलियों के कहर के बीच अगर कोई इंसान पड़ जाये तो वो जिन्दा नहीं बचता.

 लेकिन कभी आप ने सोच हैं कि इन आकाशीय बिजलियों में कितने वोल्ट का पावर होता हैं? सोचिये क्या होगा अगर ये किसी चलती ट्रेन के ऊपर गिर जाये तो? आज हम आपको आकाशीय बिजली से जुड़ी इन्हीं दो सवालों के जवाब देने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं इनके बारे में.... 

इतने वोल्ट पावर की होती हैं आकाशीय बिजली 

आमतौर पर घरों में यूज होने वाली बिजली का पावर तकरीबन 120 वोल्ट और 15 एम्पीयर होता हैं. जिससे ही हम कई सारे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बहुत ही आराम से कर लेते हैं. ऐसे में गलती से भी अगर हम इसके सम्पर्क में आते हैं तो जोर का झटका भी लगता हैं. अब आप थोड़ा सा सोचिए कि जब हम 120 वोल्ट और 15 एम्पीयर पावर वाली बिजली के सम्पर्क में पूरे सुन हो सकते हैं. तो आकाशीय बिजली के चपेट में आने वाले लोगों का क्या हाल होता होगा? अमेरिकन गवर्नमेंट की वेबसाइट weather.gov के अनुसार इन आकाशीय बिजलियों में लगभग 30 करोड़ वोल्ट और 30 हजार एम्पीयर का पावर होता हैं. इससे आपको अंदाजा हो गया होगा की जिस भी चीज या इंसान पर ये गिरती होंगी। उसका क्या हाल होता होगा. 

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अब जानते हैं चलती ट्रेन पर बिजली गिर जाये तो क्या होगा?

इस बात को समझने से पहले आपको ये जानना होगा कि भारत में ट्रेन को चलाने के लिए 25 हजार वोल्ट बिजली की आवश्यकता होती हैं. जबकि आकाशीय बिजली में  30 करोड़ वोल्ट और 30 हजार एम्पीयर का पावर होती हैं. मतलब इससे कई गुना ज्यादा. बारिश में भी भारत में ट्रेन चलती रहती हैं. ऐसे में यहाँ ट्रेन की बात करनी बहुत जरुरी हैं क्योंकि ट्रेन तो बारिश में भी चलती हैं. ऐसे में कल्पना कीजिए अगर चलती ट्रेन पर आकाशीय बिजली गिर जाये तो क्या होगा? ट्रेन के ऊपर जब बिजली गिरती भी होगी तो क्या उनमें बैठे लोगों को करंट लगती हैं? 

ट्रेन में बैठे लोगों को नहीं लगती हैं करंट 

आपको जानकार ताजुब होगा कि ट्रेन में बैठे लोगों को करंट नहीं लगती हैं. ऐसा इस लिए होता हैं क्योंकि ट्रेन का निर्माण भले ही लोहे और स्टील में की बनी होती हैं. लेकिन इसके अंदर की बॉडी को मेटल से नहीं बनाते हैं. इसी कारण अगर बिजली गिरे भी तो ये बाहरी मेटल से टकराकर रेल की पटरियों से होता हुआ अर्थिंग डिवाइस के जरिए ग्राउंड में चला जाता हैं. इसी खास उद्देश्य से ही ट्रेन की पटरियों पर अर्थिंग डिवाइस बनाई जाती हैं. जो आपको ऐसे हादसों से बचाता हैं. इलेक्ट्रिक करंट का फॉलो मेटल में ज्यादा रहता हैं. इसलिए जब भी चलती ट्रेन पर बिजली गिरती हैं तो वो लोहे और स्टील से होता हुआ रेल की पटरियों से अर्थिंग डिवाइस से जमीन में चली जाती हैं. जिसकी वजह से इसमें बैठे लोगों को करंट नहीं लगती हैं.