प्यार का तराना उपहार हो
खुशियों का नजराना बेशुमार हो
ना रहे कोई गम का एहसास
ऐसा नवरात्री उत्सव का साल हो |
जय माँ दुर्गा |
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
मैं तमाम दिन का थका हुआ,
तू तमाम शब का जगा हुआ,
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर,
तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ।
हर कोई प्यार के लिए तड़पता है
हर कोई प्यार के लिए रोता है
मेरे प्यार को गलत मत समझना
प्यार तो दोस्ती में भी होता है
तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।