आज भी जब कॉलेज के दोस्त मिल जाते हैं,
तो दिल में जवानी के फूल खिल जाते हैं.
सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो”
मैं खुद लौट जाउंगा मुझे नाकाम होने दो”
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने
दो..
ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है,
मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है,,,,,,।।
सोचा था हर मोड़ पर तुम्हारा इंतजार करेंगे,सोचा था हर मोड़ पर तुम्हारा इंतजार करेंगे,मगर कम्बखत साली सड़क ही सीधी निकली ||
कोई वादा ना कर, कोई ईरादा ना कर!
ख्वाईशो मे खुद को आधा ना कर!
ये देगी उतना ही, जितना लिख दिया खुदा ने!
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर!