मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है,
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है…
छू गया जब कभी ख्याल तेरा,
दिल मेरा देर तक धड़कता रहा,
कल तेरा ज़िक्र छिड़ गया घर में,
और घर देर तक महकता रहा।
Hum is kabil to nahi ke koi humein apna samjhega,
Lekin itna to yaqeen hai koi royega boho0at hume kho dene ke baad…
खन खना खन है ख्यालों मेंजरुर आज उसने कंगन पहने होंगे
इस अदा से गर क़तल करोगे,
बे-मौत ही मर जायेंगे परवाने,
शमा रोशन तो हो एक बार,
देखें कितना दम है तेरी रोशनी में..