जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमने,
अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं।
बुराई को देखना और सुनना ही
बुराई की शुरुआत है
जब भरोषा टूट जाता है तब sorry,
का कोई मतलब नहीं होता...!!
उठना, गिरना ,संभलना चलता रहता है ,यही ज़िन्दगी है ज़नाब !सांसो का आना जाना जब तक है ,हंसना ,रोना ,मुस्कुराना चलता रहता है l
कुछ बातें इतनी गंभीर होती है,कि वो केवल मजाक में ही कि जा सकती है
"मिले ना मिले कहीं, उसके साथ चलना है,जैसे चलती दो पटरियाँ, वैसे साथ रहना है l"