कुछ बातें इतनी गंभीर होती है,कि वो केवल मजाक में ही कि जा सकती है
ये लम्हा मेरी मोहब्बत से भरा है ,
ये समां मेरी मोहब्बत से भरा है ,
इस गुलाब को सिर्फ गुलाब मत समझना,
और से देखना ये गुलाब मेरी मोहब्बत से भरा है.
पके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
इतने हसीं चेहरे को देख कर चाँद भी सरमा गया,
आया मेरे पास और चुपके से फार्मा गया,
की जा रहा हु मैं छुपाने को अपनी ये खूबसूरती,
क्यों की मुझ से भी हसीन कोई आया और इस जहां पर छा गया
मेरी खमोशियो के राज़ ख़ुद मुझे ही नहीं मालूम…
जाने क्यू लोग मुझे मगरूर समझते है…