लाखों तूफान उठे है इस दिल में
तुजे देखने के बाद
काश
जुल्फों की काली घटाओं से ढक पाऊ
ये चाँद सा चेहरा तेरा
बड़ी हसरत से सर पटक पटक के गुजर गई,
कल शाम मेरे शहर से आंधी !!!!वो पेड़ आज भी मुस्कुरा रहे है, जिनमे हुनर था थोडा झुक जाने का !!!!
वफ़ा ढूढने निकला था ग़ालिब WiFi मिल गया , उधर ही बैठ गया...