काग़ज के फूल भी महकते हैं,
कोई देता है, जब मोहब्बत से!
सभी तारीफ करते हैं मेरी शायरी की लेकिन
कभी कोई सुनता नहीं मेरे अल्फाज़ो की सिसकियाँ
"मैंने खुद को,उसमें खो दिया,फिर मैंने उसे खो दिया l"
किसी की याद से इस उम्र में दिल की मुलाक़ातें
ठिठुरती शाम में इक धूप का कोना ज़रूरी है
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की