कागज़ पे लिखी गज़ल, बकरी चबा गयी !
चर्चा पुरे शहर में हुई, की बकरी शेर खा गयी.
तालीम नहीं दी जाती
परिंदो को उड़ानों की……..
वह तो खुद ही समझ
जाते हैं उच्चै आसमानो की…
Yaad rahega ye dour- E hayaat humko
Ki tarse the zindgi me zindgi ke liye
वो मुझे भूल गयी है लेकिन उसकी यादें अब भी मुझे रुलाती है जितना भूलना चाहूँ म उन यादों को वो यादें उतनी ही याद आती है।
वो मुझे भूल गयी है लेकिन
उसकी यादें अब भी मुझे रुलाती है
जितना भूलना चाहूँ म उन यादों को
वो यादें उतनी ही याद आती है।