आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं,हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं..
होठ तो खामोश रहेंगे वादा है मेरा आपसे।
निगाहें अगर कुछ कह बैठे तो,
खफा मत हो जाना।
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तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए,तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए।
ये रात चाँदनी लेकर आपके आँगन में आये,आसमान के सारे तारे लोरी गाकर आपको सुलायें,इतने प्यारे और मीठे हों सपने आपके,कि आप सोते हुए भी सदा मुस्कुराएं।शुभ रात्रि।
बीट गई तारों वाली सुनहरी रात
याद आई फिर वही प्यारी सी बातीखुशी से
हर पल हो आपकी मुलकातोइस्लिये
मुसकुरा के करना दिन की शुरुआत।
"सुप्रभात"
हमने ज़िन्दगी बितायीआँख सिरहाने लेकर,रात दुल्हन सी आयीसपने सुहाने लेकर…Shubh Ratri