रूह मुझे दो, जिस्म भले ही उसे देदो।
जिस्म तो खो दोगे जनाब, फिर भी रूह तो महफ़ूज़ होगी हमारे पास।
जब भरोषा टूट जाता है तब sorry,
का कोई मतलब नहीं होता...!!
उठना, गिरना ,संभलना चलता रहता है ,यही ज़िन्दगी है ज़नाब !सांसो का आना जाना जब तक है ,हंसना ,रोना ,मुस्कुराना चलता रहता है l
दिल दुखाया करो इजाजत है,
भूल जाने की बात मत करना।
"बैठे-बैठे एक मुस्कुराहट,ओंठो पे आ गई,कोई बात तुम्हारी प्यारी, जहन में आ गई,लोगो ने पूछा क्या है, क्यों हँस रहे हो,उन्हें क्या बताता, तुम कैसे पागल बना गई l"
वो अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना;
वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं।