कभी बादल, कभी बारिश, कभी उम्मीद के झरने,
तेरे अहसास ने छू कर मुझे क्या-क्या बना डाला!
यूं तो आपस में बिगड़ते हैं ख़फ़ा होते हैंमिलने वाले कहीं उल्फ़त में जुदा होते हैं
ना कोई महल, ना सपना,ना कोई फूल छोड़ जाता हूँ,तुम्हारे नाम लिखें है कई ख़त, रोज एक छोड़ आता हूँ l
झूठ के साथ तेरे साथ रहे,तो इश्क़ गुनाह हो जायेगा,इस लिए बेहतर होगा,सच के साथ जुदा हो जायेंगे l
मुझसे मेरी वफ़ा का सबूत मांग रहा है !
खुद बेवफ़ा हो के मुझसे वफ़ा मांग रहा है !!
प्यार तो सब करते हैं पर हम जैसे नहीं
धोखा लोग देते हैं हम नहीं
एक बार प्यार करके तो देखो
हम सच्चे आंशिक हैं बेवफा नहीं