ज़िंदगी आगे बढ़ने का नाम है,
रुकने का नही
कामयाब लोग अपने फैसले से दुनिया बदल देते है,
और नाकामयाब लोग
दुनिया के दर से अपने फैसले बदल लेते है।
अब तो रविवार में भी कुछ यूँ मिलावट हो गयी है.कि छुट्टी तो दिखाई पड़ती है लेकिन, सुकून के पल नज़र नहीं आते||
जब जब आपके खास लोग दूर होने लगे तो समझ लीजिये उनकी जरूरते पूरी हो चुकी है|
शाम सूरज को ढलना सिखाती है;शमा परवाने को जलना सिखाती है;गिरने वालो को तकलीफ़ तो होती है;पर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है।
लोग जब अनपढ थे तो परिवार एक हुआ करते थेमैंने टूटे परिवारों में अक्सर पढ़े लिखे लोग ही देखे है|