अब तो रविवार में भी कुछ यूँ मिलावट हो गयी है.कि छुट्टी तो दिखाई पड़ती है लेकिन, सुकून के पल नज़र नहीं आते||
त्याग दी सब ख्वाहिशें
कुछ अलग करने के लिए
“राम” ने खोया बहुत कुछ
“श्री राम” बनने के लिए
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.
जब कोई आप को अपना समय देता है,
तो याद रहे कि वह अपने जीवन की सबसे अमूल्य चीज आप को दे रहा है !
पाप एक प्रकार का अँधेरा है,
जो ज्ञान का प्रकाश होते ही मिट जाता है