कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है
जिस की आँखों में कटी थीं
सदियाँ उस ने सदियों की जुदाई दी है
कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है
ज़िंदगी एक नज़्म लगती है
"पलक से पानी गिरा है,तो उसको गिरने दोकोई पुरानी तमन्ना,पिंघल रही होगी!!"#गुलज़ार
बहुत मुश्किल से करता हूँ,तेरी यादों का कारोबार,मुनाफा कम है,पर गुज़ारा हो ही जाता है...#गुलज़ार
आदतन तुम ने कर दिए वादेआदतन हम ने ऐतबार कियातेरी राहो में बारहा रुक करहम ने अपना ही इंतज़ार कियाअब ना मांगेंगे जिंदगी या रबये गुनाह हम ने एक बार किया