वक़्त मिले तो मेरे घर तक चले आना कभी,तेरी खुश्बू के मोहताज़ मेरे गुलदस्ते आज भी हैं.
क्या माँगू खुदा से तुझे,या तेरी परेशानियाँ माँगू lअब झुके सर सजदा को,रब से तेरी खुशियाँ माँगू l
"बदल जाते है दिन, नया सवेरा आता है,वो शख्स, ना जाने क्यों साथ चला आता है,खुशियों के कदम तो चले, वो चार थे,ग़म का कारवाँ है देखो, खत्म नहीं हो पाता हैl"
"किताबों के बीच आज भी,उसके ख़त छुपा रखे है,आज भी हर शब्द में, तेरी मौजूदगी नज़र आती है l"
दिल से निकली दुआ हमारी