ये जो बात-बात पे कहते हो,हमारे बीच सब खत्म हो गया,ये तो बताती जाओ...कभी कुछ था क्या...
जिन्दगी हल्की फुल्की हैबस उम्मीदों का बोझ भारी है lजिन्दगी कल भी बहुत प्यारी थी,जिन्दगी आज भी बहुत न्यारी है l
जाने अब कौन आँखों से निकल,कागज़ पे आने वाला है,सुना हैं मेरा मेहबूब फिर,कोई तस्वीर बनाने वाला है l
जो बेइन्तिहाँ चाहत से रूह में उतर जाये
सिर्फ वही मोहब्बत में माहिर है..
बनकर तेरा साया तेरा साथ निभाऊंगा..
तू जहाँ जहाँ जाएगी मैं वहाँ वहाँ आऊँगा..
साया तो छोड़ जाता है अँधेरे में साथ
लेकिन में अँधेरे में तेरा उजाला बन जाऊँगा.