जिन्दगी हल्की फुल्की हैबस उम्मीदों का बोझ भारी है lजिन्दगी कल भी बहुत प्यारी थी,जिन्दगी आज भी बहुत न्यारी है l
उनसे बात करके जिस कदर दिल को चैन आता है,
इतना असर तो की दवा भी नही दिखा पाता है
आँखो से आँखे मिलाकर तो देखो,
एक बार हमारे पास आकर तो देखो,
मिलना चाहेंगे सब लोग तुमसे,
एक बार मेरे दोस्त साबुन से नहाकर तो देखो।
Humne to khud se inteqam lia ,
Tumne kya soch kar humse mohabbat ki?
“अपनों को याद करना प्यार हैं,
गैरों का साथ देना संस्कार हैं,
दुश्मनो को माफ करना उपकार हैं,
और आप जैसे दोस्तों को परेसान करना जन्मसिद्ध अधिकार हैं.”