'प्रेम' एक ऐसी यात्रा हैजहां हमखुद 'से'खुद 'को'मिलाने के लिएदूरी तय करते हैं।
"दोस्ती से प्यार तक एक 'रेखा' खींच दी,बातों ने उनकी ना जाने कब मोह्हबत रच दी,ख्वाहिशें ना जाने कितना 'अंकुर' हो गये,आग दिल में लगा, उसने मेरी दुनियाँ तज दी l"
चेहरे पर हंसी और आँखों में नमी सी है.
हर सांस कहती है आपकी कमी सी है..
वो गले से लिपट के सोते हैं
आज-कल गर्मियाँ हैं जाड़ों में
सर्दी और गर्मी के उज़्र नहीं चलते
मौसम देख के साहब इश्क़ नहीं होता
रात भी नींद भी
कहानी भी
हाए क्या चीज़ है
जवानी भी