अमिताभ बच्चन के ये 5 जोरदार डायलॉग्स, कभी भुलाएं नहीं जा सकते

Top 5 Best Dialogues Of Amitabh Bachchan Ever

सदी के महानायक और हिंदी सिनेमा में बिग बी के नाम से मशहूर अमिताभ बच्चन का आज जन्मदिन हैं. 11 अक्टूबर 1942 को इलाहबाद में जन्में अमिताभ आज देश और दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चित चेहरों में से एक हैं.

 हिंदी सिनेमा में एंग्री यंग मैन के नाम से अपना परचम लहराने वाले बच्चन साहब आज 79 साल के हो गए हैं. इसकी के साथ पिछले कई दशकों से उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपना एक अलग मुकाम भी बनाया है. इसी वजह से इस उम्र में भी वो कई सारे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. ऐसे में आज हम  आपको अमिताभ बच्चन के उन 5 बेहतरीन और दमदार डायलॉग्स के बारे में बताने जा रहे हैं. जो आज भी कई सारे लोगों के दिलों-दिमाग पर उसी तरह छाया हुआ हैं. जैसे वो सिल्वर स्क्रीन पर पहली बार बोले गए थे. तो आइये जानते हैं उन बेहतरीन डायलॉग्स के बारे में..... 

kaalia amitabh bachchan dialogue

कालिया- हम जहां खड़े होते हैं लाइन वहां से शुरू होती है.

Deewar amitabh bachchan dialogue

दीवार– जाओ पहले उस आदमी का साइन लेकर आओ, जिसने मेरे बाप को चोर कहा था. जाओ, पहले उस आदमी का साइन लेकर आओ जिसने मेरी मां को गाली देकर नौकरी से निकाल दिया था. पहले उस आदमी का साइन लेकर आओ जिसने मेरे हाथ पर ये लिख दिया. उसके बाद… मेरे भाई तुम जहां कहोगे वहां साइन कर दूंगा.

Shahenshah dialogue

शहंशाह- रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप होते हैं, मगर नाम है शहंशाह

zanzeer amitabh bachchan

जंजीर– जब तक बैठने के लिए ना कहा जाये, शराफत से खड़े रहो, ये पुलिस स्टेशन है तुम्हारे बाप का घर नहीं.

Agnipath dialogue

अग्निपथ– पूरा नाम, विजय दीनानाथ चौहान, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम, सुहासिनी चौहान, गांव मांडवा, उम्र छत्तीखस साल.