मूर्खों की सूची Akbar Birbal Story

मूर्खों की सूची  Akbar Birbal Story

एक बार अकबर के दरबार में एक व्यक्ति आया और उसने कहा, महाराज मैं एक मुसाफिर हूँ और आपके राज्य के विद्वान लोगों की खूब प्रशंशा सुनी हैं मैंने. इसलिए आपके दरबार में मैं एक चुनौती लेकर आया हूँ.

 अकबर ने पूछा, कैसी चुनौती? तब उस आदमी ने कहा, अगर आपका कोई भी एक विद्वान् मुझे दो दिन के अंदर सात मूर्ख  व्यक्तिओं को ढूंढ कर दिखा दे तो मैं आपके दरबार में सारी ज़िंदगी एक सेवक की तरह काम करूँगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो आप अपने उस विद्वान को सूली पर चढ़ा देंगे. दरबार में से किसी भी विद्वान ने इस चुनौती को स्वीकार नहीं किया. फिर अकबर ने बीरबल को बुलवाया और कहा तुम मुझे 7 मूर्ख व्यक्तियों की सूची बनाकर दो गए नहीं तो तुम्हें शर्त के मुताबिक सूली पर चढ़ा दिया जायेगा. 

बीरबल ने  कहा, जी जहांपनाह, मैं आपके लिए 7 मूर्ख व्यक्ति जरूर ढूंढकर लाऊंग

अकबर : हम आपको 7 मूर्ख व्यक्ति ढूंढने के लिए सिर्फ 2  दिन का समय देते हैं

बीरबल : जहांपनाह, मुझे इतने अधिक समय की आवश्यकता नहीं पड़ेगी

अकबर : ठीक है, अगर तुम उससे पहले ही मूर्ख व्यक्ति ले आ सकते हो, तो यह अच्छी बात है

बीरबल उसी रात  मूर्ख व्यक्तिओं के तलाश में निकल गए. कुछ दूर जाने के बाद उन्होंने देखा कि इतने रात में एक आदमी उन्हें गधे पर बैठा दिखाई देता है, जो सिर पर घास की गठरी रखे हुए था.

बीरबल ने उसके पास जाकर पूछा;  तुम कौन हो और ऐसे गधे पर बैठकर और घास अपने सिर पर लेकर क्यों जा रहे हो?

व्यक्ति : मैं रामू हूं और मेरा गधा कमजोर व थका हुआ है, इसलिए गधे का बोझ कम करने के लिए मैंने घास की गठरी अपने सिर पर रखी है.

उसका जवाब सुनते ही उन्होंने उसका नाम अपनी सूची में लिख लिया और उसे खूब सारा ईनाम देने के लिए कल दरबार में बुला लिया. 


थोड़ी दूर और चलने के बाद उन्होंने फिर देखा कि दो व्यक्ति आपस में लड़ाई कर रहे है.  बीरबल ने उनसे पूछा है कि तुम दोनों कौन हो और किस बात के लिए लड़ रहे हो?

पहला व्यक्ति : जनाब मेरा नाम सुरेश है.

दूसरा व्यक्ति : और मेरा नाम महेश है.

महेश : जनाब, मुझे सुरेश कहता है कि इसके पास शेर है, जिसे वो मेरी गाय के शिकार के लिए छोड़ेगा. 

सुरेश : हां मैं ऐसा ही करूंगा.

बीरबल :  तुम लोगों की गाय और शेर कहां है?

महेश :  जनाब जब भगवान हमें वरदान देने आएंगे, तो मैं उनसे गाय मांगूँगा और सुरेश शेर मांगेगा,

जिसे यह मेरी गाय पर छोड़ने की बात कर रहा है.

बीरबल ने उन दोनों का नाम अपने सूची में लिख लिया और उन्हें अपने साथ अपने घर ले आये. 


कुछ देर बाद उन्होंने देख की उनके घर के बाहर एक आदमी कुछ ढूंढ रहा था.  वो उसके पास गए और उससे पूछा;आप क्या ढूंढ रहे हैं?

व्यक्ति : जनाब मेरी सोने से भरी थैली कहीं गिर गई है, जिसे मैं काफी समय से खोज रहा हूं, लेकिन मुझे मिल नहीं रही है.

बीरबल : क्या आपको पता है कि आप की थैली कहां गिरी थी?

व्यक्ति : जी मेरी थैली यहां से दूर उस पेड़ के पास गिरी थी, लेकिन वहां अंधेरा होने के कारण मैं यहां उसे ढूंढ रहा हूं.

बीरबल : अच्छा ये बात है, आप कल हमारे साथ बादशाह के दरबार में चलो. मैं बादशाह अकबर से आपको दूसरी थैली देने के लिए कहूंगा और उसे भी अपने घर ले आये. 

अगली सुबह बीरबल उन चारों के साथ दरबार में हाज़िर हुए और अकबर से कहा, जहांपना मैंने 7 मूर्खों को ढूंढ़कर उनकी सूची बना ली हैं. 

अकबर ने बीरबल से कहा, तुमने तो एक ही दिन में मूर्ख व्यक्ति ढूंढ लिए, क्या हमारे राज्य में मूर्खों की संख्या अधिक है और तुम यकीन के साथ कैसे कह सकते हो कि ये व्यक्ति मूर्ख हैं?

बीरबल ने बादशाह से सारी बातें बताई, फिर अकबरकहा, ये तो केवल चार ही लोग हैं, बाकी के तीन मूर्ख कहां हैं?

बीरबल ने कहा, जहांपनाह यहां पर 7 मूर्ख व्यक्ति हैं.

अकबर ने फिर पूछा; यहां कहां हैं और कौन हैं, हमें भी बताओ?

बीरबल ने जवाब दिया जहांपनाह, एक पहला मूर्ख वो मुसाफिर जिसने ऐसी चुनौती दी. दूसरा मूर्ख मैं जो इस चुनौती को स्वीकर कर मूर्खों को ढूंढने चला गया और तीसरे मूर्ख आप खुद जिन्होंने मुझे ये काम करने की अनुमति दी. 


बीरबल की बातें सुनकर अकबर उसकी प्रशंसा करने लगे.