सोने का अंडा देने वाली मुर्गी

एक गाँव में एक किसान था उसने एक मुर्गी पाली थी. 

वो मुर्गी बहुत ही सुन्दर थी, किसान उसे बहुत प्यार करता था इसलिए उसकी बहुत ही देख भाल करता था. 

एक दिन उसने देखा की उस मुर्गी ने तीन अंडे दिए हैं, वो बहुत खुश हुआ, जैसे ही उसने उन्हें लेंगे के लिए गया तो वो ख़ुशी के मारे झूमने लगा क्योंकि उनमें से एक अंडा सोने का था. 

अब किसान उस मुर्गी की और सेवा करने लगा. कई महीने बीत गए और अब वो बहुत अमीर हो गया साथ ही साथ उसके मन में लालच भी बढ़ता गया. एक दिन उसने सोचा क्यों एक ही दिन इसके पेट से सारे अंडे निकाल लूँ और खूब पैसे हो जायेंगे. उसने चाक़ू से उसका पेट फाड़ दिया और वो मुर्गी मर गई. किसान को कुछ न मिला. कुछ देर बाद वहां खूब प्रकाश हुआ और एक देवी आ गई. उसने किसान को श्राप दे दिया और बोली हे! पापी तूने लालच में आकर इस  मुर्गी को मार दिया अब मैं तुझे श्राप देती हूँ अब तक जितना भी धन तूने कमाया हैं वो सब गायब हो जायंगे, और तू बहुत गरीब हो जायेगा. 


सीख : हमें कभी भी लालच में नहीं आना चाहिए क्योंकि लालच का फल बहुत बुरा होता हैं.