एक तरफ तेरी बढ़ेगी नराजगी,और एक तरफ बेचैनी मेरी lएक बार लगेगा की फासला बढ़ रहा,और फिर लगेगा कितने करीब है रहा l
ठण्ड में वादा नही करते कि दोस्ती निभायेंगे,
जरूरत पड़ी तो सब कुछ ले लो,
पर रजाई न दे पायेंगे....
Talash uski karo jo pass na ho.
Bhula do usse jispar vihswas na ho.
Ham to apne gam par hans parte hai.
Taaki samne wala udas na ho.
खन खना खन है ख्यालों मेंजरुर आज उसने कंगन पहने होंगे
कश्ती है, पुरानी मगर दरिया बदल गया।
मेरी तलाश का भी जरिया बदल गया।
ना शक्ल बदली, ना ही बदला मेरा किरदार,
बस लोगों को देखने का नजरिया बदल गया।