याद आते है वो स्याही से रंगें हाथ,
क्या दिन थे वो जब करते थे लंच दोस्तों के साथ.
Us Fiza Mein Bhi Jalta Raha
Mein Kisi Ke Liye…..
Jaha Charaag Bhi Taraste They Roshni Ke Liye…
वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं,
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं
एक फूल अजीब था,
कभी हमारे भी बहुत करीब था,
जब हम चाहने लगे उसे,
तो पता चला वो किसी दूसरे का नसीब था ।
अब तो शायद ही मुझसे मुहब्बत करेगा कोई
तेरी तस्वीर जो मेरी आखों में साफ़ नजर आती है