ओझिल जो हुआ , वो एक पल के लिएभरी महफ़िल में, मैं अकेला हुआ lबात कुछ भी, किसी से हुई,मन तलाशता हर ओर, ऐसा मेला हुआ l
चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं।
संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा,मेरे इस दिल में ऐ सनम तेरे ख्वाब सजाऊंगा,आजमा के देख ले तेरे दिल में बस जाऊंगा,प्यार का हूँ प्यासा तेरे आगोश में सिमट जाऊॅंगा।
Dard ho Dil Men To Dawa KijiyeDil hi Jab Dard Ho To Kya Kijiye.
Tu hasi chand kisi aur ka sahi
Par tu mere andhere ki roshni he…