आदत बदल सी गई है
वक्त काटने की,
हिम्मत ही नहीं होती
अपना दर्द बांटने की..!!
खूबसूरती से धोका न खाइये जनाब…
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो…
मांगती तो खून ही हे…
हँसी आपकी कोई चुरा ना पाये,
आपको कभी कोई रुला ना पाये,
खुशियों का दीप ऐसे जले ज़िंदगी में..
कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा ना पाये।
उसके साथ रहते रहते हमे चाहत सी हो गयी,उससे बात करते करते हमे आदत सी हो गयी,एक पल भी न मिले तो न जाने बेचैनी सी रहती है,दोस्ती निभाते निभाते हमे मोहब्बत सी हो गयी!
तरस जाओगे हमारे मुँह से सुनने को एक लव्ज़
प्यार की बात क्या, हम शिकायत भी ना करेंगे…