खुशबू की तरह आसपास बिखर जायेंगे, सुकून बनकर दिल में उतर जायेंगे, महसूस करने की कोशिश कीजिये, दूर होकर भी आपके पास नजर आएंगे।
ये मुहब्बत कब, किससे हो जाये इसका अंदाजा नहीं होता
ये वो घर है जिसका कोई दरवाजा नहीं होता
कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना,
क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में
ज़बरदस्ती नहीं होती!
शायर तो हम
“दिल” से है….
कमबख्त “दिमाग” ने
व्यापारी बना दिया.
हर साँस में उनकी याद होती है,मेरी आंखों को उनकी तलाश होती है,कितनी खूबसूरत है चीज ये मोहब्बत,कि दिल धड़कने में भी उनकी आवाज होती है।