कौन कहता है कि दोस्ती-यारी बर्बाद करती है,
कोई निभाने वाला हो तो दुनिया याद करती है!
आँखें थक गई है आसमान को देखते देखतेपर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ
ख़फ़ा हो, गुस्सा हो और नाराज़ भी होचलो ! कोई बात नहीं,गलती मेरी है मना लूँगा lचली भी गई ग़र जो मुझे छोड़कर,ये वादा है बेवफा का इल्ज़ाम ना दूँगा l
कल छोड़ आऊं पीछे,आज नए सवेरे की बात होगी lपूरा दिन तो मेरा है,क्या हुआ जो फिर रात होगी l
दिल भी पागल है कि उस शख़्स से वाबस्तासेहैजो किसी और का होने दे न अपना रक्खे
"ग़र जुदाई से खुश हो,तो जुदाई माँग लेता,
मुझसे तेरी नासाज तबीयत ना मांगी जायेगी l"