हमने सुना है रहती है अब बेकरार वो,
छुपके किसी का करती है इंतजार वो!
मेरा कारनामा-ए-जिंदगी, मेरी हसरतों के सिवा कुछ नहीं,
ये किया नहीं,वो हुआ नहीं,ये मिला नहीं,वो रहा नहीं....!!
सिर्फ इतना ही कहा है, प्यार है तुमसे,जज्बातों की कोई नुमाईश नहीं की,प्यार के बदले सिर्फ प्यार मांगती हूँ,रिश्ते की तो कोई गुज़ारिश ही नहीं की..
तैरना तो आता था हमें मुहब्बत के समंदर में
लेकिन जब उसने हाथ ही ना पकड़ा तो डूब जाना ही अच्छा था
ये वर्ष आपके लिए खुशियों का नगर हो,
क्या बखूबी हो हर एक खुशी आपकी अगर हो.
हर रात फुर्सत के नए गीत सुनाए,
लम्हों के लबों पे भी शबनम का असर हो.