बेकाबू हो जाती है उस वक्त धड़कन मेरी,
जब तुम आहिस्ता आहिस्ता मेरे करीब आते हो!
जितना किसी से डरोगे,
उतना बेवजह तडपोगे .
क्यूंकि इन्सान जिससे जाता सहम,
वह डर तो है मन का वहम .
उन्होंने ज़ुल्फें क्या झटकी अपनी,
सारे शहर में बारिश हो गई!!
मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ…..कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है !
मोहब्बत ज़िन्दगी बदल देती है …..मिल जाये तब भी और ना मिले तब भी !!
मिलेंगे आँधियाँ बहुत रास्ते में,हमें फिर भी चलना है lबहुत देर करनी है रौशनी,इसलिए थोड़ा धीरे जलना है l