बेकाबू हो जाती है उस वक्त धड़कन मेरी,
जब तुम आहिस्ता आहिस्ता मेरे करीब आते हो!
जितना किसी से डरोगे,
उतना बेवजह तडपोगे .
क्यूंकि इन्सान जिससे जाता सहम,
वह डर तो है मन का वहम .
उन्होंने ज़ुल्फें क्या झटकी अपनी,
सारे शहर में बारिश हो गई!!
मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ…..कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है !
"मैं हज़ारों से मिल रहा हूँ,सैकड़ो से बातें करता हूँ,कमी तुम्हारी पूरी ना हुई,सब में तुम्हीं को ढूंढ रहा हूँ l"
मोहब्बत ज़िन्दगी बदल देती है …..मिल जाये तब भी और ना मिले तब भी !!