माता पिता के बिना दुनिया की हर चीज कोरी हैं,
दुनिया का सबसे सुंदर संगीत माँ की लोरी हैं।
ना ज़रूरत उसे पूजा और पाठ की,
जिसने सेवा करी अपनी माँ-बाप की।
हालात बुरे थे मगर रखती थी अमीर बनाकर..हम गरीब थे, ये बस हमारी माँ जानती थी...
लोग हमारे बारे में क्या सोचते है?अगर ये भी हम सोचेंगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे?
इंसानियत तो हमने "ब्लड बैंक" से सीखी है साहब,जहाँ बोतलों पर "मजहब" नहीं लिखा जाता|