सेवा सबकी कीजिये मगर आशा किसी से मत रखिये क्योकि सेवा का सही मूल्य भगवान ही दे सकता है इंसान नहीं|
हालात बुरे थे मगर रखती थी अमीर बनाकर..हम गरीब थे, ये बस हमारी माँ जानती थी...
इंसानियत तो हमने "ब्लड बैंक" से सीखी है साहब,जहाँ बोतलों पर "मजहब" नहीं लिखा जाता|
आज का सुविचारइंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये ज़रूरी हैं.डॉ ऐ पी जे अब्दुल कलाम
हमारा सलाहकार कौन है ये बहुत महत्वपूर्ण है क्योकि दुर्योधन शकुनि से सलाह लेता था और अर्जुन श्रीकृष्ण से!
जब छोटे थे तब बड़े होने की बड़ी चाहत थी ! पर अब पता चला कि : अधूरे एहसास और टूटे सपनों से, अधूरे होमवर्क और टूटे खिलौने अच्छे थे !