अनुभवों के साथ,
आदर्श भी बदल जाते हैं।
मेरा दिल ...तो तुम्हारे शहर के नाम से ही धड़कने लगता है।
कभी गुस्से में मुझे वो बहुत डाँटती है,ऐसा प्यार वो सबको नहीं बाँटती है l
उसके होके हम,उससे जुदा हो जायेंगे,यूँ हम एक दिन मोह्हबत से,खफा हो जायेंगे l
"ना जाने कब फिर शहर बंद हो जाये,
एक बार नज़र भर देखना चाहता हूँ,
कई दिनों से एक ख़त किताबों में है,
अब उसके हाथो में दे देना चाहता हूँ l"
अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया
जिस को गले लगा लिया वो दूर हो गया