इसी बात से लगा लेना मेरी शोहरत का अंदाजा,वह मुझे सलाम करते हैं, जिन्हें तू सलाम करता है
इसी बात से लगा लेना मेरी शोहरत का अंदाजा,
वह मुझे सलाम करते हैं, जिन्हें तू सलाम करता है
कर्म का फल व्यक्ति को उसी तरह ढूंढ लेता है,
जैसे कोई बछड़ा सैकड़ों गायों के बीच अपनी मां को ढूंढ लेता है।
कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन है!
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…….
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।