उनकी पलकों से शुरू हुयी दास्तान-ए-मुहब्बत,
जिनका झुकना भी क़यामत, जिनका उठना ही क़यामत. .!!
लफ्ज़ो को तो दुनिया समझती हैकाश कोई ख़ामोशी भी समझता।
“इच्छा” से कुछ नहीं बदलता “निर्णय” से…
थोड़ा कुछ “बदलता” है लेकिन…
आपका “दृढ़ निश्चय” सब कुछ “बदल” सकता है…
Good Night
जी है बड़ी बादशाहत से जिंदगी,उम्मीद है आगे भी रहेगी कायम lकुछ पल का जलजला है,आगे तो फिर है सुकून बिन कोई गम l